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Monday 29 January 2024

राम मंदिर के कुछ महत्व पूर्ण जानकारी

राम मंदिर के निर्माण में आखिर ऐसा क्या मिला कि वैज्ञानिकों के होश उड़ गए क्यों? वैज्ञानिक भी राम मंदिर को चमत्कारी कहने पर मजबूर हो गए हैं जो राम मंदिर के निर्माण को लेकर इतनी ज्यादा चर्चाएं हो रही हैं। दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं। अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम 


राम मंदिर के कुछ महत्व पूर्ण जानकारी



मंदिर बन कर तैयार हो गया है, जिसका उद्घाटन होने वाला है, लेकिन जब यह मंदिर बन रहा था तो ऐसे कई सारे रहस्य सामने आए, जिनके बारे में सुनकर पूरा देश मिला हुआ है। विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। क्या फ्री कैसे हो सकता है तो क्या है राम मंदिर के पीछे का सच और क्यों इसे लेकर इतनी चर्चाएं हो रही है।



राम मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। जहां लोग 22 जनवरी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि इसी दिन अयोध्या के राम मंदिर का उद्घाटन होगा और राम मंदिर के दरवाजे हमेशा के लिए भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। अब मंदिर भले ही बनकर तैयार हो गया लेकिन जब मंदिर! चीजें चीजें सामने चीजें सामने आ सामने आ रही थी जिसे देखकर


नासा के वैज्ञानिकों तक ने अपना तर्क हो जाना शुरू कर दिया। दोस्तों जब राम मंदिर के निर्माण का काम चल रहा था, तभी ड्राइंग तैयार करवाएगी और अमेरिका से एक विशिष्ट करके सभी कमियों को बुलवाया गया ताकि उसका निरीक्षण करके सभी कमियों को दूर कर दें और राम मंदिर की शान में चार चांद लगा दे, लेकिन 


जैसे ही राम मंदिर के निर्माण के वक्त वहां की धरती को खोदा गया तो वहां से एक ऐसी वस्तु निकली जिसे देख कर कोई अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं कर पा रहा था। इसके बाद तुरंत एक कमेटी बनाई गई और आप चमत्कार देखिए उस कमेटी के जितने 


भी मेंबर से वह जांच के दौरान प्रभु श्री राम के भक्त बन गए। दोस्तों जब अमेरिका से थॉमस नाम के वैज्ञानिक भारत में राम मंदिर निर्माण कार्य के दौरे पर आए हुए थे। यहां अगर उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया। लेकिन काम के दौरान जब उनकी नजर मंदिर परिसर पर गई। धरती 


नरम पड़ी हुई थी। वह जगह आसपास की जमीन से बहुत अलग दिख रही थी। हम अपनी अंतरात्मा से आवाज आने लगी। यहां कुछ ना कुछ तो जरूर है जिसके बाद तुरंत थॉमस ने मजदूरों को वहां की खुदाई करने के लिए कहा। मजदूरों ने बिना कोई सवाल किए खुदाई शुरू कर दी और जय देवा खुदाई शुरू की गई। कुछ ही देर बाद उस जगह से पानी का 


प्रवाह शुरू हो गया। उस बहते हुए पानी को देख खुदाई मजदूर परेशान हो गए क्योंकि पानी के अंदर खुदाई करना नामुमकिन सा हो जाता है लेकिन? पानी का सर्वेक्षण किया गया तो पता चला। यह पानी तो बाद में बहती सरयू नदी का पानी है। वह समझ नहीं पा रहे थे कि यह माता सरयू का आशीर्वाद है या उनकी नाराजगी इस पानी ने सभी वैज्ञानिकों 


को एक गहरी सोच में डाल दिया। वह सोच में पड़ गए कि अगर ऐसे ही पानी निकलता रहा तो यहां पर भव्य मंदिर का निर्माण भला कैसे हो पाएगा क्योंकि पानी वाली सतह पर मजबूत इमारत बनाना कोई मजाक की बात नहीं है। आखिर में जब कोई भी समाधान नहीं मिला तब सभी ने 


मिलकर भगवान श्रीराम से प्रार्थना शुरू कर दी क्योंकि जब तक माता सरयू के पानी की धारा बंद नहीं होती तब तक आगे का काम शुरू नहीं किया जा सकता था। लेकिन अगले ही दिन श्रीराम ने उनके पुकार सुन ली और सरयू नदी से आधा पानी अपने आप ही बंद हो गया। यानी कि भगवान राम जी की प्रार्थना उन्होंने तारकरली शायरी सरयू नदी का पानी 



भगवान राम की तरफ से जाने वाली एक परीक्षा थी जिसमें वह देखना चाहते थे कि। है और है और है और और जैसे ही लोगों ने मुश्किल आते ही भगवान राम को याद करना शुरू किया। उन्होंने सारी मुश्किलों को हल कर दिया और फिर से राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया। जिसके बाद यह काम किस कदर चला कि अभी अपने अंतिम छोर पर पहुंच 


गया। मंदिर पूरी तरह से बंद कर तैयार हो गया है और सभी इंतजार है, क्योंकि 22 जनवरी को यहां पर क्योंकि 22 जनवरी को यहां पर भगवान श्री राम की समंदर इतना भव्य कैसे देखें? अंतर! हवाई अड्डा भी बनवाया ताकि देश दुनिया के लोग सीधे यहां पर आ सके और उसे देख सके। वैसे दोस्तों अभी भगवान राम 


के मंदिर को तो आप जाकर देख सकते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है उस समय भगवान राम की नगरी अयोध्या को किसने बनवाया था जहां ही पवित्र नगरी हिंदुओं के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां पर स्वयं प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था। इसलिए राम जन्म भूमि कहा जाता है। इतिहासकारों के अनुसार 


कौशल प्रदेश की राजधानी अवध को कालांतर में अयोध्या और बौद्ध काल में साकेत कहा जाने लगा और मंदिरों का शहर था। हालांकि या खुदाई के वक्त आज भी हिंदू बौद्ध एवं जैन धर्म से जुड़े मंदिरों के अवशेष देखे जाते हैं, जिसमें 1 खंभों से लेकर हिंदू हथियार बनी हुई थी। याद की 


वाल्मीकि रामायण में अयोध्या नगरी के होने का उपाय रणन साफ-साफ मिलता है। कहा जाता है भगवान श्री राम के जल समाधि लेने के पश्चात अयोध्या। कुछ गाल के लिए को जोड़ दी गई थी लेकिन उनकी जन्मभूमि पर बना महल में सके वैसा ही था। भगवान श्री राम के पुत्र कुश ने एक। 


पुनर्निर्माण का पुनर्निर्माण करवाया का पुनर्निर्माण करवाया करवाया और इस निर्माण के बाद सूर्यवंश की अगली 44 वीं पीढ़ी तक इसका अस्तित्व आखिरी राजा महाराजा प्रज्वल तक चरम पर है। कौशल राज हो गई थी महाभारत युद्ध में अभिमन्यु के हाथों हो गई थी। महाभारत युद्ध के बाद अयोध्या उजड़ गई लेकिन श्री राम जन्म भूमि का अस्तित्व फिर भी उल्लेख मिलता है कि से 10 वर्ष पूर्व उज्जैन के के चक्रवर्ती सम्राट 


विक्रमादित्य एक दिन अयोध्या पहुंचे। उन्हें यहां पर कुछ चमत्कार होते दिखाई और फिर बात क्यों की श्री राम की कृपा से उन्हें पता चला कि श्री राम की जन्मभूमि है और फिर उन संतों के निर्देश दिए। सम्राट ने यहां पर भव्य मंदिर के साथ ही खूब सरोवर लेकिन फिर उसके बाद कई सारे आक्रमणकारियों ने इस मंदिर पर आक्रमण किया। अंत में यहां बाबरी मस्जिद बनी, लेकिन फिर विवाद हुआ और बाबरी मस्जिद को तोड़कर वापस 


नहीं आ राम जन्म। हुआ निर्माण हुआ निर्माण हुआ है हुआ है जो समय के अंत तक यहां बना रहेगा। बाकी आप राम मंदिर को लेकर कितने उत्साहित हैं,


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